चीतों का नया घर बन सकता है बुंदेलखंड – 2026 तक वीरांगना दुर्गावती टाइगर रिजर्व में बसने की तैयारी← Back to All Blogs
2026 तक बुंदेलखंड के जंगलों में दौड़ सकते हैं चीते!
Published on: 15 Jul 2025 | Author: SATYA PRAKASH
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चीतों को मिल सकता है नया घर – बुंदेलखंड!
भोपाल: धरती पर सबसे तेज दौड़ने वाले जीव, चीते, जल्द ही बुंदेलखंड के जंगलों में दौड़ते नजर आ सकते हैं। वर्ष 2026 तक मध्यप्रदेश के सबसे बड़े टाइगर रिजर्व – वीरांगना दुर्गावती टाइगर रिजर्व – में चीतों को बसाने की योजना तेजी से आगे बढ़ रही है। यह रिजर्व दमोह और सागर जिलों के साथ-साथ मध्यप्रदेश के नरसिंहपुर जिले के हिस्सों में फैला हुआ है।
इस महत्वाकांक्षी परियोजना के तहत बुंदेलखंड क्षेत्र को चीतों के लिए एक उपयुक्त आवास के रूप में विकसित किया जा रहा है। यहां न केवल तेंदुए और बाघ जैसे सह-शिकारी पहले से मौजूद हैं, बल्कि भेड़िए, सियार और एशियाई जंगली कुत्ते जैसे छोटे शिकारी भी इस क्षेत्र का हिस्सा हैं।
वर्तमान स्थिति क्या है?
इस समय चीतों का पहला ठिकाना मध्यप्रदेश का कूनो नेशनल पार्क है, जहां नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका से लाए गए चीते तथा उनके भारतीय मूल के शावक रह रहे हैं। वहां पर तेंदुए ही उनके एकमात्र सह-शिकारी हैं।
वहीं, चीतों का दूसरा घर – गांधी सागर वन्यजीव अभयारण्य (मंदसौर जिला) – में दक्षिण अफ्रीका से लाए गए दो नर चीते 'प्रभास' और 'पावक' को खुले जंगलों में छोड़े जाने की तैयारी है, जहां तेंदुए उनके संभावित सह-शिकारी होंगे।
बुंदेलखंड क्यों उपयुक्त है?
बुंदेलखंड का भौगोलिक क्षेत्र, घने जंगल, प्रचुर वन्यजीव और पर्याप्त खाद्य श्रृंखला चीता पुनर्स्थापन के लिए अनुकूल माने जा रहे हैं। इसके अलावा, वीरांगना दुर्गावती टाइगर रिजर्व की जैव विविधता इसे चीतों के लिए एक सुरक्षित और प्राकृतिक आवास बना सकती है।
अगर यह प्रयास सफल होता है, तो बुंदेलखंड न केवल बाघों का बल्कि चीतों का भी प्रमुख आवास बन जाएगा, जिससे पर्यटन, संरक्षण और स्थानीय रोजगार को भी नया बल मिलेगा।
photo credit : https://worldanimalfoundation.org/